उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में 26 वर्षीय निक्की भाटी की कथित दहेज हत्या का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. नए सबूत सामने आने के बाद यह केस और जटिल हो गया है. अस्पताल का मेमो, सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान अब पुलिस जांच का हिस्सा हैं.
21 अगस्त को ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में निक्की भाटी को आग के हवाले कर दिया गया. आरोप है कि उसके पति विपिन भाटी ने उसे पीटा, फिर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी. निक्की को गंभीर हालत में पहले ग्रेटर नोएडा के अस्पताल और बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई.
भाटी परिवार के घर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में घटना से जुड़े अहम पल रिकॉर्ड हुए. फुटेज में एक युवक कार के पास खड़ा दिखता है और फिर अचानक भागने लगता है. स्थानीय लोगों का दावा है कि यह युवक विपिन है. थोड़ी देर बाद लोग और महिलाएं भागते हुए घर की ओर जाते दिखाई देते हैं. पुलिस ने कहा है कि फुटेज की जांच हो रही है और निष्कर्ष तथ्यों के आधार पर ही निकलेगा.
इस मामले में विपिन, उसके माता-पिता सतवीर और दया के साथ भाई रोहित को गिरफ्तार कर लिए गया है. पुलिस ने बताया कि हिरासत के दौरान भागने की कोशिश में विपिन के पैर पर गोली भी लगी थी.
निक्की की बहन कंचन ने एफआईआर में लिखा है कि शादी के बाद से ही ससुराल वाले दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे. पहले ही उन्हें स्कॉर्पियो, बाइक और गहने दिए गए थे, लेकिन बाद में 36 लाख रुपये और लग्जरी कार की मांग की जाने लगी. कंचन का आरोप है कि सास ने ज्वलनशील पदार्थ दिया और विपिन ने निक्की को आग के हवाले कर दिया.
शुरुआत में अस्पताल द्वारा जारी मेमो में लिखा गया कि गैस सिलेंडर फटने से जलने की घटना हुई. वहीं, गवाह देवेंद्र (विपिन का फूफेरा भाई) ने बताया कि विपिन घटना के वक्त दुकान से घर की ओर भागा और फिर तुरंत लौट आया. उसने ही निक्की को अस्पताल पहुंचाने में मदद की.
निक्की के पिता भिखारी सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की अपील की है. उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी दी जाए और उनके घर पर बुलडोजर चलाया जाए.
निक्की हत्याकांड अब सिर्फ एक दहेज हत्या का केस नहीं रह गया है, बल्कि इसमें सामने आए सबूतों और बयानों ने इसे और पेचीदा बना दिया है. पुलिस की जांच से ही इस दर्दनाक घटना की सच्चाई सामने आएगी.