भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर अभी तक फैसला नहीं हो पाया है. पार्टी की ओर से न तो किसी उम्मीदवार का नाम सामने आया है और न ही चुनाव की तारीख तय की गई है. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव का शेड्यूल आने से पहले भाजपा अपने नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर सकती है.
हाल ही में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत की मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है. बताया जा रहा है कि यह बैठक दिल्ली में बंद कमरे में करीब 45 मिनट तक चली. खास बात यह है कि चौहान को भी अध्यक्ष पद का प्रमुख दावेदार माना जा रहा है. यह मुलाकात करीब दो साल के लंबे अंतराल के बाद हुई, जिससे अटकलों को और बल मिला है.
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी आलाकमान की ओर से संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली गई है. हालांकि, इस पर अंतिम फैसला 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद ही लिया जाएगा. माना जा रहा है कि नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद किया जा सकता है.
सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा से पहले भाजपा उत्तर प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के नाम तय कर सकती है. इन राज्यों की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए पार्टी रणनीतिक तौर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को फिलहाल रोककर रख सकती है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर अध्यक्ष पद पर फैसला बिहार चुनाव से पहले नहीं हुआ, तो यह नियुक्ति चुनाव के बाद ही होगी. फिलहाल, भाजपा ने अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर कोई आधिकारिक शेड्यूल घोषित नहीं किया है.
अध्यक्ष पद के लिए कई दिग्गज नेताओं के नाम चर्चा में हैं. इनमें केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी, आंध्र प्रदेश भाजपा प्रमुख डी. पुरंदेश्वरी, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनति श्रीनिवासन, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव, साथ ही भाजपा नेता विनोद तावड़े शामिल हैं. हालांकि, भाजपा ने अब तक किसी भी नाम पर आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.