तमिलनाडु के करूर में शनिवार (27 सितंबर) को एक राजनीतिक रैली के दौरान हुई भगदड़ में 40 लोगों की जान चली गई और करीब 100 लोग घायल हो गए. यह रैली अभिनेता और राजनीतिक नेता विजय की पार्टी, वी.टी.के. (TVK) द्वारा आयोजित की गई थी. हादसे के तुरंत बाद पार्टी ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और इसे DMK की साजिश का हिस्सा बताया.
TVK ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. पार्टी के वकील अरिवाजगन ने कहा कि वे मांग कर रहे हैं कि मामले की विशेष जांच टीम (SIT) बनाई जाए या इसे CBI को ट्रांसफर किया जाए. अरिवाजगन ने राज्य सरकार के दावे को खारिज किया कि रैली में सुरक्षा नियमों का उल्लंघन हुआ. उनका कहना था कि पार्टी ने सभी सुरक्षा प्रबंधों का पालन किया और भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए.
अरिवाजगन ने कहा, “करूर रैली में साजिश हुई. हमें स्थानीय लोगों से भरोसेमंद जानकारी मिली है और कुछ CCTV फुटेज भी मौजूद हैं. यह सब स्पष्ट रूप से दिखाता है कि राज्य की सत्ता पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं की साजिश का हिस्सा थी.” उन्होंने जोर देकर कहा कि विजय की देर से रैली स्थल पर पहुंचने का कारण ट्रैफिक था, इसे किसी भी तरह की पार्टी की गलती नहीं माना जाना चाहिए.
राज्य सरकार ने आरोप लगाया कि रैली स्थल पर दोपहर से भारी भीड़ जमा हो गई थी. रैली स्थल की क्षमता 10,000 थी, लेकिन 27,000 लोग इकट्ठा हो गए थे. सरकार ने इसे जानबूझकर भीड़ बढ़ाने का प्रयास बताया. इसके साथ ही TVK के कुछ नेताओं के खिलाफ हत्या के आरोप सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. सरकार ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक जांच का आदेश भी दिया.
इस हादसे ने राजनीतिक और प्रशासनिक विवाद को जन्म दिया है. TVK की मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को दंडित किया जाए. वहीं, राज्य सरकार ने सुरक्षा नियमों के उल्लंघन को गंभीर अपराध बताया है. इस घटना ने तमिलनाडु में राजनीतिक माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है.