दिल्ली ब्लास्ट से ठीक पहले फरीदाबाद में गिरफ्तार हुई डॉक्टर शाहीन शाहिद को लेकर लगातार नए खुलासे सामने आ रहे हैं. वह पहले कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में काम कर चुकी थीं. उनकी गिरफ्तारी की खबर के बाद यहां स्टाफ के बीच हैरानी और चिंता का माहौल है. खुले तौर पर कोई कुछ नहीं कहना चाहता, लेकिन कई पुराने कर्मचारी अब दबी आवाज में उनके बारे में अनुभव साझा कर रहे हैं.
कॉलेज के कई कर्मचारियों का कहना है कि डॉक्टर शाहीन का गायब होना अचानक नहीं था, बल्कि यह किसी योजनाबद्ध तरीके का हिस्सा लग रहा था. बताया जाता है कि उनके पास तीन अनजान लोग समय-समय पर मिलने आते थे. इनमें एक छोटी कद की महिला भी शामिल थी, जो हमेशा स्लेटी रंग का हिजाब पहनती थी. उस वक्त इन मुलाक़ातों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब यह सब चर्चा का विषय बन गया है.
सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2013 के आसपास डॉक्टर शाहीन के स्वभाव में बदलाव आने लगे थे. नौकरी के शुरुआती वर्षों में वे खुशमिज़ाज और मिलनसार थीं, लेकिन बाद में उन्होंने लोगों से दूरी बनानी शुरू कर दी. स्टाफ से कम बातचीत होती थी, हालांकि छात्रों के प्रति उनका रवैया पहले जैसा ही सौम्य रहा.
कर्मचारियों के अनुसार, शाहीन से मिलने वाले तीनों लोग लगभग हर 15 से 20 दिनों में आते थे. उनके आने पर शाहीन का चेहरा गंभीर हो जाता और वह कमरे से स्टाफ को बाहर कर देती. कभी-कभी उन्हें कॉलेज परिसर के शांत हिस्सों में बातचीत करते हुए देखा गया. मुलाकातें लंबी नहीं होती थीं, लेकिन नियमित थीं.
कुछ साथियों का कहना है कि कन्नौज से लौटने के बाद उनके स्वभाव में बदलाव और तेज हो गया. वह पहले से ज्यादा चुप और अलग-थलग रहने लगीं. प्रोफेसरों ने जब इसके बारे में पूछा तो वह मुस्कुराकर बात टाल देती थीं. सूत्रों के मुताबिक, गायब होने से पहले उन्होंने अपने कदमों की पूरी योजना बना ली थी. इसी दौरान उन्होंने अपने पति डॉ. जफर हयात से तलाक भी लिया और बच्चों की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया.
कॉलेज परिसर में उनके आवास के आसपास रहने वालों का दावा है कि पति-पत्नी के बीच अक्सर विवाद होता था. कई बार तेज आवाज़ें बाहर तक सुनाई देती थीं और एक-दो बार बर्तन तक सड़क पर फेंके गए. इस संबंध में प्रबंधन तक शिकायत पहुंची थी. हालांकि शाहीन के पूर्व पति जफर हयात का कहना है कि उनके बीच कोई बड़े विवाद नहीं थे और तलाक के बाद उनसे कोई संपर्क भी नहीं रहा.