उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर साबित किया कि वे जनसुनवाई को केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि जनता से सीधे जुड़ने का सशक्त माध्यम मानते हैं। 17 अप्रैल 2025 को लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में उन्होंने विभिन्न जिलों से आए नागरिकों की समस्याएं व्यक्तिगत रूप से सुनीं और संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
कार्यक्रम में कुल 112 नागरिकों ने भाग लिया, जिनमें से 88 लोगों ने आवेदन प्रस्तुत किए। इन आवेदनों में प्रमुख रूप से शादी अनुदान, आवास, शौचालय, बिजली कनेक्शन, वरासत, अवैध कब्जा, राजस्व विवाद और विवेकाधीन कोष से संबंधित समस्याएं शामिल थीं। मुख्यमंत्री ने जनता को आश्वस्त किया कि हर शिकायत का समाधान तय समय सीमा के भीतर किया जाएगा।
एक दिव्यांग प्रार्थी को तत्काल केवाईसी पूरी करवा कर दिव्यांग पेंशन योजना में लाभ दिलाने की व्यवस्था की गई, वहीं दो अन्य दिव्यांगजनों को इलेक्ट्रॉनिक सेंसर युक्त स्टिक भी मौके पर प्रदान की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दिव्यांगों के सशक्तिकरण की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि जन समस्याओं पर संवेदनशील रवैया अपनाएं और यह सुनिश्चित करें कि आवेदक संतुष्ट होकर जाएं। उन्होंने जनता दर्शन में प्राप्त आवेदनों को सीधे राजस्व परिषद अध्यक्ष, पुलिस महानिदेशक, मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव को सौंपा ताकि इन पर प्राथमिकता से कार्य हो।
इस आयोजन में मुख्यमंत्री द्वारा प्रदर्शित संवेदनशीलता और तत्परता जनता के प्रति उनके समर्पण को दर्शाती है। योगी सरकार द्वारा संचालित यह जनता दर्शन कार्यक्रम जनता के विश्वास को मजबूती प्रदान कर रहा है और प्रशासन को जवाबदेह बनाने की दिशा में सार्थक पहल है।