केंद्रीय मंत्री और एलजेपी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने एक बार फिर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है. हाल ही में कांग्रेस की ओर से लगाए गए वोट चोरी के आरोपों पर पलटवार करते हुए चिराग ने कहा कि कांग्रेस वोट चोरी पर रोने के बजाय यह समझे कि असली समस्या उनका खत्म होता जनाधार है. उनके मुताबिक, कांग्रेस के पास अब न जनता का भरोसा बचा है और न ही कोई मजबूत राजनीतिक जमीन.
मीडिया से बातचीत के दौरान चिराग पासवान ने कहा कि लगातार हार के बाद भी कांग्रेस आत्ममंथन करने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा, “जब तक कांग्रेस बहाने बनाती रहेगी और खुद के भीतर नहीं झांकेगी, तब तक जनता उन्हें नकारती रहेगी. एक के बाद एक चुनावों में हार इसका सबसे बड़ा प्रमाण है."
चिराग ने कहा कि कांग्रेस अलग-अलग राज्यों में लगातार हार झेल रही है और लोकसभा चुनावों में भी जनता बार-बार उन्हें खारिज कर रही है. ऐसे में वोट चोरी का आरोप लगाना सिर्फ एक बहाना है, हकीकत नहीं.
चिराग पासवान ने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस हर उस संस्था पर सवाल उठाती है, जो उसके एजेंडे के खिलाफ जाती है. उन्होंने कहा, “कांग्रेस का विश्वास अब किसी संवैधानिक संस्था पर नहीं बचा है. चौकीदार को चोर बताने से लेकर चुनाव आयोग तक पर सवाल उठाना—ये सारी बातें उन्हें अराजकता की ओर धकेल रही हैं.” चिराग ने कहा कि लोकतंत्र में जनता का विश्वास सबसे बड़ी ताकत होती है, और कांग्रेस वह भरोसा खो चुकी है.
चिराग पासवान ने राहुल गांधी की हालिया विदेश यात्रा पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, “सत्र चल रहा है, देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो रही है और विपक्ष के नेता सदन से नदारत हैं. यह उनकी जिम्मेदारियों के प्रति गंभीरता पर सवाल खड़ा करता है.”
चिराग के अनुसार, पहले के विपक्षी नेता सदन में पूरा समय देते थे, लेकिन राहुल गांधी की प्राथमिकताओं में संसद की बहसों से अधिक विदेश यात्राएं नजर आ रही हैं. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “जो पद आप संभाल रहे हैं, उसके प्रति गंभीरता दिखाई जानी चाहिए. लेकिन राहुल गांधी के व्यवहार में वह गंभीरता नजर नहीं आती.”
चिराग पासवान ने अपने बयान में सबसे बड़ा हमला इस लाइन से किया, “यहां वोट चोरी नहीं हुई है, आपका जनादेश चोरी हो चुका है. आज की तारीख में आप जनाधार और जनता का भरोसा पूरी तरह खो चुके हैं.” उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब तक मतदान मशीन, चुनाव आयोग या सरकार पर आरोप लगाती रहेगी, तब तक जनता इसे गंभीरता से नहीं लेगी.