बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रमुख दल जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी है. इस सूची ने राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा पैदा कर दी है, खासकर इसलिए कि इस बार जेडीयू ने किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है.
सूची में कुल उम्मीदवारों में महिला प्रत्याशियों की संख्या भी बेहद कम है. गायघाट सीट से कोमल सिंह को JDU ने उम्मीदवार बनाया है. कोमल सिंह लोजपा (आर) सांसद वीणा देवी की बेटी हैं और उनके पिता दिनेश सिंह JDU से एमएलसी रह चुके हैं. शुरुआती चर्चाओं में उन्हें लोजपा (रामविलास) से उम्मीदवार बनाया जा सकता था, लेकिन जब यह सीट JDU के खाते में आई, तो वह वहीं से मैदान में उतरीं.
JDU ने इस बार कुछ बड़े बदलाव भी किए हैं. बरबीघा के सिटिंग विधायक सुदर्शन कुमार का टिकट काट दिया गया और उनकी जगह कुमार पुष्पंजय को उम्मीदवार बनाया गया. कुशेश्वरस्थान से अमन भूषण हजारी का टिकट भी कट गया. वहीं परसा से छोटे लाल यादव को टिकट मिला है. छोटे लाल 2020 में आरजेडी के टिकट पर जीते थे, लेकिन अब उन्होंने JDU का दामन थाम लिया है.
JDU ने अपने उम्मीदवारों की सूची में कई नाम पहले से चर्चित किए. आलमनगर से नरेंद्र नारायण यादव, बिहारीगंज से निरंजन कुमार मेहता, मधेपुरा से कविता साहा, और सोनबरसा से रत्नेश सादा को टिकट मिला. सूची में कुछ अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में मीनापुर से अजय कुशवाहा, सकरा से आदित्य कुमार, कुचायकोट से अमरेंद्र कुमार पांडेय, और बरबीघा से कुमार पुष्पंजय शामिल हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि JDU की यह पहली सूची चुनाव में उनकी रणनीति और गठबंधन को मजबूत करने के उद्देश्य से तैयार की गई है. हालांकि मुस्लिम समुदाय से किसी उम्मीदवार का नाम न होना और महिलाओं की कम भागीदारी, JDU के लिए आगामी चुनाव में चुनौती भी बन सकती है.
पूरी लिस्ट देखकर साफ है कि पार्टी ने अपने पुराने और नए नेताओं का संतुलन साधने की कोशिश की है. अब राजनीतिक पर्यवेक्षक यह देख रहे हैं कि यह पहली सूची JDU की चुनावी रणनीति में कितना असर डालती है और यह गठबंधन को सीटों के लिहाज से कितना फायदा पहुंचाती है.