भारत में मौसम के बदलाव का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है. जैसे ही गर्मी से सर्दी या मानसून का मौसम आता है, लोगों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और शरीर वायरस से जल्दी प्रभावित होता है. खासतौर पर अब के समय में वायरल फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. उदाहरण के लिए, ओपोडी क्षेत्र में हाल ही किए गए सर्वे में पाया गया कि हर तीन में से एक व्यक्ति में फ्लू के लक्षण नजर आ रहे हैं. बदलते मौसम में अचानक ठंड या गीला मौसम और तापमान के उतार-चढ़ाव से शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे H3N2 फ्लू जैसी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं.
Tv 9 से बातचीत के दौरान आरएमएल हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के डॉ. सुभाष गिरी बताते हैं कि वायरल फ्लू केवल सामान्य सर्दी-जुकाम तक सीमित नहीं रहता. ये वायरस शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है, खासतौर पर फेफड़े और श्वसन तंत्र. इससे सांस लेने में तकलीफ, तेज खांसी और गंभीर संक्रमण हो सकता है. बुजुर्गों, बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में ये निमोनिया या ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है. तेज बुखार और कमजोरी से रोजमर्रा के काम प्रभावित होते हैं. कभी-कभी फ्लू हृदय और मस्तिष्क जैसे महत्वपूर्ण अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
वायरल फ्लू के सामान्य लक्षण में तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और कमजोरी शामिल हैं. इसके साथ लगातार खांसी, गले में खराश, नाक बहना और छींक आना भी सामान्य हैं. कुछ मामलों में पेट दर्द, उल्टी या दस्त की शिकायत भी हो सकती है. सांस लेने में दिक्कत और लगातार थकान गंभीर संकेत होते हैं. अक्सर लोग इन लक्षणों को सामान्य सर्दी-जुकाम समझ लेते हैं, लेकिन अगर बुखार 38 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहता है या सांस लेने में परेशानी होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है. समय पर इलाज से फ्लू के गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है.
नियमित रूप से हाथ धोना और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए. सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना जरूरी है. गर्म पानी से नहाएं और शरीर को ठंड से बचाएं. पौष्टिक आहार लें और पर्याप्त पानी पीएं. फ्लू के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. बुखार या खांसी वाले लोगों से दूर रहें. घर और आसपास के स्थानों को साफ-सुथरा और हवादार रखें.
मौसम के बदलाव के दौरान ये सावधानियां अपनाकर हम खुद को और अपने परिवार को वायरल फ्लू से बचा सकते हैं. खासकर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. स्वस्थ रहना और बीमारी से बचना ही सबसे अच्छा इलाज है.