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सिर्फ 38 साल की उम्र में खत्म हो गया एक चमकता सितारा! मीना कुमारी की जिंदगी की वो सच्चाई जिसे जानकर दिल टूट जाएगा

सिर्फ 38 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाली मीना कुमारी की जिंदगी एक फिल्म जैसी रही—चमक, दर्द और टूटे रिश्तों से भरी. बचपन से कैमरे के सामने रहीं, प्यार किया लेकिन वही रिश्ता बन गया उनकी सबसे बड़ी तकलीफ. जानें उनके बारे में-

👤 Samachaar Desk 01 Aug 2025 08:48 AM

Happy Birthday Meena Kumari: हिंदी सिनेमा के सुनहरे दौर में कई अभिनेत्रियों ने अपने अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया, लेकिन उनमें एक नाम ऐसा भी है जो आज भी दर्द और खूबसूरती का प्रतीक बना हुआ है मीना कुमारी. सिर्फ 38 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाली मीना कुमारी ने अपने छोटे-से फिल्मी सफर में जो मुकाम हासिल किया, वह आज भी किसी मिसाल से कम नहीं.

बचपन से शुरू हुआ अभिनय, बना दिया स्टार

1 अगस्त 1933 को मुंबई के दादर में जन्मीं मीना कुमारी का असली नाम महजबीन बानो था. उनके पिता अली बख्श नहीं चाहते थे कि बेटी फिल्मों में जाए, लेकिन हालात कुछ ऐसे बने कि महज 5 साल की उम्र में उन्होंने काम करना शुरू कर दिया. उनकी पहली फिल्म थी लेदर फेस (1939), जिससे उनका एक्टिंग करियर शुरू हुआ. इसके बाद एक के बाद एक चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर उन्होंने कई फिल्मों में काम किया और जल्द ही पहचान बना ली.

प्यार, शादी और टूटते रिश्तों का दर्द

मीना कुमारी ने 19 साल की उम्र में अपने से 15 साल बड़े निर्देशक कमाल अमरोही से शादी कर ली. ये रिश्ता प्यार से शुरू जरूर हुआ, लेकिन जल्द ही एक ऐसे मोड़ पर आ गया जहां सिर्फ तकलीफ बाकी रह गई. अमरोही पहले से शादीशुदा थे और उनके तीन बच्चे भी थे. शादी के बाद उन्होंने मीना को फिल्मों में काम करने से रोका, लेकिन मीना कुमारी का स्टारडम उस दौर में बुलंदियों पर था.

फिल्मों को लेकर उनके बीच अक्सर विवाद होते थे. अमरोही नहीं चाहते थे कि मीना का नाम उनसे ऊपर हो. इसी तनाव के बीच पाकिजा की शूटिंग रुक गई. सालों बाद जब यह फिल्म 1972 में रिलीज हुई, तब तक मीना कुमारी की तबीयत बेहद खराब हो चुकी थी और ये फिल्म उनकी आखिरी साबित हुई.

फिल्मी करियर: दर्द की रानी

मीना कुमारी ने बैजू बावरा, परिणीता, दिल एक मंदिर, साहिब बीवी और गुलाम जैसी बेहतरीन फिल्मों से एक्टिंग का वो स्तर दिखाया जो आज भी याद किया जाता है. उनके किरदारों में अक्सर दर्द, त्याग और अकेलापन नजर आता था, जिससे उन्हें 'ट्रेजेडी क्वीन' कहा गया. उनके अभिनय की गहराई और आंखों में छुपा दर्द हर दर्शक को छू जाता था.

आखिरी सांस और एक अधूरी कहानी

मीना कुमारी की मौत 31 मार्च 1972 को लीवर सिरोसिस के कारण हुई. बताया जाता है कि वो शराब की आदी हो चुकी थीं और यही उनकी सेहत बिगड़ने की वजह बनी. सिर्फ 38 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया छोड़ दी, लेकिन अपने पीछे ऐसी फिल्में और कहानियां छोड़ गईं जो आज भी हिंदी सिनेमा की धरोहर हैं.