अगस्त का महीना अपने आप में बेहद खास होता है क्योंकि इसी महीने से कई शुभ पर्वों की शुरुआत होती है. इन्हीं में से एक है हरतालिका तीज, जो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. यह व्रत विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है.
हरतालिका तीज पर सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत रखती हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन में सुख-शांति, प्रेम और समृद्धि आती है. शादीशुदा महिलाओं के साथ-साथ कुंवारी कन्याएं भी उत्तम वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत का पालन करती हैं.
इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और दिनभर भगवान शिव-पार्वती की आराधना करती हैं. पूजा का विधान सुबह और शाम दोनों समय किया जाता है. महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, मेहंदी लगाती हैं, हरी चूड़ियां पहनती हैं और गीत-भजन गाकर भगवान शिव और माता पार्वती का स्मरण करती हैं.
हरतालिका तीज पर जगह-जगह मेले लगते हैं, झूले पड़ते हैं और महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सजती-संवरती हैं. यह त्योहार न सिर्फ धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि सामाजिक रूप से भी परिवार और रिश्तों में मिठास लाने का प्रतीक है.
इस खास अवसर पर लोग अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों को शुभकामनाएं भेजते हैं. कुछ लोकप्रिय संदेश इस प्रकार हैं,
1. शिव-गौरा से मिले सुहागिनों को वरदान, आपकी जिंदगी में भी आएं खुशियां अपार. हरतालिका तीज की ढेरों शुभकामनाएं!
2. मेहंदी से सजे हाथ और हरी चूड़ियों की चमक, मिटा दें हर दूरी. आपको हरतालिका तीज की शुभकामनाएं!
3. पेड़ों पर झूले, हंसी की फुहार, हरतालिका तीज लाए आपके जीवन में खुशियों की बहार.
4. माता गौरा का आशीर्वाद मिले, जीवन में सुख-समृद्धि और प्रेम बरसे. हरतालिका तीज की हार्दिक बधाई!
हरतालिका तीज का यह पावन पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रेम, विश्वास और सौहार्द का भी प्रतीक है.