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Akshay Navami 2025 : कब है अक्षय नवमी, इस दिन क्यों चढ़ाया जाता है आंवला?

Akshay Navami 2025 : अक्षय नवमी के आंवले के पेड़ की पूजा कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन किया गया दान और पूजन अक्षय फल देता है.

👤 Samachaar Desk 29 Oct 2025 07:34 PM

Akshay Navami 2025 : हिंदू पंचांग में कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का विशेष महत्व है. इस दिन अक्षय नवमी मनाई जाती है. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन किए गए दान, जप, तप और पूजन का फल कभी नष्ट नहीं होता, इसलिए इसे अक्षय यानी कभी समाप्त न होने वाला कहा गया है. इस वर्ष अक्षय नवमी 31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी.

सनातन धर्म में यह दिन अत्यंत शुभ माना गया है. मान्यता है कि अक्षय नवमी के दिन भगवान विष्णु ने आंवले के पेड़ में वास किया था, इसलिए इसे आंवला नवमी भी कहा जाता है. इस दिन भक्त आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं और उसके नीचे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करते हैं. ऐसा करने से घर में सुख, सौभाग्य और समृद्धि बनी रहती है.

क्यों कहा जाता है ‘अक्षय’?

अक्षय शब्द का अर्थ होता है - जो कभी नष्ट न हो. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन किए गए पुण्य कर्म, दान और उपासना का फल हमेशा के लिए बना रहता है. भक्तों का विश्वास है कि इस तिथि पर किया गया हर शुभ कार्य जन्म-जन्मांतर तक फल देता है.

सतयुग की शुरुआत का दिन

एक पौराणिक कथा के अनुसार, अक्षय नवमी के दिन ही सतयुग का आरंभ हुआ था. इसी कारण यह तिथि सत्य, धर्म और नए युग के आरंभ का प्रतीक मानी जाती है. इस दिन व्रत रखना, स्नान करना और जरूरतमंदों को दान देना बहुत पुण्यदायी होता है.

इस दिन के प्रमुख कर्म

अक्षय नवमी पर लोग सुबह स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करते हैं.

गंगा स्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करना शुभ होता है. गोसेवा और अन्न-वस्त्र दान से पापों का नाश होता है. महिलाएं इस दिन परिवार की सुख-समृद्धि और दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं. आंवले के पेड़ के नीचे दीपक जलाकर श्री हरि और माता लक्ष्मी की आरती की जाती है.

अक्षय नवमी का आध्यात्मिक संदेश

अक्षय नवमी केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि सच्चे मन से किया गया शुभ कार्य कभी व्यर्थ नहीं जाता. दान, तप और भक्ति के जरिए इंसान अपने जीवन को पवित्र बना सकता है. यह दिन आत्मिक शांति, भक्ति और करुणा का संदेश देता है.

अक्षय नवमी 2025 का दिन पुण्य, श्रद्धा और भक्ति का पर्व है. इस दिन किए गए सत्कर्म, पूजा और दान का फल जीवनभर बना रहता है. जो व्यक्ति सच्चे मन से इस तिथि पर आंवले का पूजन और भगवान विष्णु की आराधना करता है, उसे अक्षय सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.