Instagram CEO Adam Mosseri: इंस्टाग्राम के सीईओ एडम मोसेरी ने हाल ही में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और इंजीनियर्स के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान दिया. उनका मानना है कि आज की दुनिया में सफल होने के लिए महंगी Ivy League यूनिवर्सिटी की डिग्री या लंबी पढ़ाई की जरूरत नहीं है. मोसेरी के अनुसार, AI में असली टैलेंट उन लोगों में होता है जो जुगाड़ू क्षमता रखते हैं और तेजी से सीख सकते हैं. उनका कहना है कि AI इतनी तेजी से बदल रहा है कि जो लोग नए टूल्स और तकनीक के साथ तुरंत एडजस्ट कर सकते हैं, वही आगे बढ़ते हैं.
एक पॉडकास्ट में मोसेरी ने कहा कि टॉप AI इंजीनियर्स वे लोग होते हैं जो लगातार प्रयोग करते हैं और नई चीजें जल्दी सीखते हैं. उन्होंने बताया कि आज का AI इकोसिस्टम पारंपरिक इंजीनियरिंग से अलग है. यहां केवल सही तरीके से कोड लिखना जरूरी नहीं, बल्कि तेजी से बदलाव के साथ खुद को एडजस्ट करना ज्यादा महत्वपूर्ण है. मोसेरी मानते हैं कि applied AI में काम करने वाले लोग बहुत कम हैं और यही उनकी खासियत है.
2025 में AI टैलेंट की मांग इतनी बढ़ गई है कि बड़ी कंपनियां करोड़ों रुपये के पैकेज ऑफर कर रही हैं. मोसेरी ने कहा कि कई बार वेतन के दावे बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए जाते हैं, लेकिन सच यही है कि skilled AI इंजीनियर्स बहुत कम हैं. AI इतना नया है कि इसे स्कूल या कॉलेज में आसानी से नहीं सिखाया जा सकता. इसलिए ज्यादातर इंजीनियर्स अपनी स्किल्स खुद प्रयोग करके सीखते हैं. नई तकनीकें रोज बदलती हैं, और कंपनियां ऐसे लोगों को ढूंढ रही हैं जो हर दिन कुछ नया सीख सकें.
मोसेरी और कई टेक लीडर्स का मानना है कि vibe-coding यानी AI की मदद से कोड जनरेट और सुधारना, युवा डेवलपर्स के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है. Scale AI के संस्थापक Alexandr Wang कहते हैं कि जैसे कंप्यूटर युग में बच्चे मशीनों के साथ समय बिताकर आगे बढ़े, वैसे ही आज AI टूल्स के साथ समय बिताने वाले युवाओं को बड़ा करियर-बूस्ट मिल सकता है. इस तरीके से सीखना न केवल जल्दी होता है, बल्कि कोडिंग की समझ को भी पूरी तरह बदल देता है,
एडम मोसेरी का दृष्टिकोण यह दर्शाता है कि AI की दुनिया में पारंपरिक शिक्षा या डिग्री से ज्यादा हाथों-हाथ सीखना और प्रयोग करना महत्वपूर्ण है. जो लोग तेजी से नई तकनीक सीखते हैं और उसे अपनाते हैं, वही आज के AI दौर में आगे बढ़ सकते हैं.