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हाईवे पर सौंदर्यकरण की पहल: फूलों वाले पौधों के लिए पायलट प्रोजेक्ट का ऐलान

पंजाब सरकार ने हाईवे को सुंदर और हराभरा बनाने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। इसके तहत राज्य में प्रमुख हाईवे पर फूलों वाले पौधे लगाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा।

👤 Saurabh 17 Jul 2025 10:13 PM

पंजाब के वन और वन्य जीव संरक्षण मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने आज एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने बताया कि राज्य में हाईवे के दोनों किनारों पर फूलों वाले पौधे लगाने की योजना शुरू की जा रही है। यह एक पायलट प्रोजेक्ट होगा, यानी शुरुआत में इसे कुछ जिलों में लागू किया जाएगा और अगर सफल रहा तो आगे पूरे राज्य में बढ़ाया जाएगा।

प्रोजेक्ट की निगरानी के लिए एक राज्य स्तरीय कमेटी बनाई जाएगी, जो समय-समय पर इसका जायजा लेगी और जरूरी बदलाव करेगी।

शुरुआत में यह योजना 5 जिलों – रोपड़ (खासकर श्री आनंदपुर साहिब), शहीद भगत सिंह नगर (खटकड़ कलां), संगरूर, पठानकोट और अमृतसर में लागू की जाएगी। इन जिलों में हाईवे के दोनों तरफ 500 मीटर दूरी तक 5, 6 और 7 फुट ऊंचे फूलों वाले पौधे लगाए जाएंगे।

मंत्री ने कहा कि पौधों की देखभाल पर खास ध्यान दिया जाएगा। उन्हें आवारा जानवरों से बचाने के लिए बाड़ भी लगाई जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना से आसपास का वातावरण स्वच्छ और हरा-भरा बनेगा और मनरेगा योजना के तहत काम करने वाले लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

इसके साथ ही मंत्री ने दूसरी अहम पहल का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि बच्चों और युवाओं में पर्यावरण और पेड़ों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए भाषण और कविता प्रतियोगिता शुरू की जा रही है। यह प्रतियोगिता 23 जुलाई से शिव कुमार बटालवी के जन्मदिन पर बटाला से शुरू होगी और एक महीने तक चलेगी।

प्रतियोगिता चार स्तरों पर होगी:

प्राइमरी (कक्षा 1 से 5)

सेकेंडरी (कक्षा 6 से 10)

सीनियर सेकेंडरी (कक्षा 11-12)

कॉलेज स्तर

इन प्रतियोगिताओं के पहले राउंड के विजेता राज्य स्तर पर हिस्सा लेंगे। हर श्रेणी में पहला स्थान – ₹51,000, दूसरा – ₹31,000 और तीसरा – ₹21,000 का इनाम मिलेगा। इन मुकाबलों की निगरानी शिक्षा विभाग करेगा और पंजाबी साहित्य के मशहूर लेखक और कवि जज के तौर पर शामिल होंगे।

मंत्री ने बताया कि पंजाब में वन क्षेत्र का दायरा भी बढ़ा है – 2021 में 3144 वर्ग किमी था जो 2023 में बढ़कर 3321 वर्ग किमी हो गया है।

यह पहल राज्य को पर्यावरण के क्षेत्र में और मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।