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एलन मस्क की भारत यात्रा की तैयारी, प्रधानमंत्री मोदी से संवाद के बाद तकनीक और नवाचार सहयोग को लेकर उम्मीदें तेज़

एलन मस्क ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद अपनी भारत यात्रा की पुष्टि की, तकनीकी सहयोग और नवाचार पर संभावित साझेदारी की चर्चा हुई।

👤 Samachaar Desk 20 Apr 2025 01:49 AM

एलन मस्क की भारत यात्रा से तकनीकी सहयोग को मिलेगी नई दिशा

स्पेसएक्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भारत को लेकर अपनी उत्सुकता जाहिर की है। उन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत के बाद एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि वह इस साल के अंत में भारत आने को लेकर बेहद उत्साहित हैं। इस वार्तालाप ने भारत-अमेरिका के बीच तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं को एक बार फिर उजागर कर दिया है।

प्रधानमंत्री मोदी और मस्क के बीच यह संवाद केवल औपचारिकता नहीं थी, बल्कि यह बीते फरवरी में वाशिंगटन डीसी स्थित ब्लेयर हाउस में हुई मुलाकात की एक कड़ी भी थी। उस बैठक में भी दोनों नेताओं ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्पेस टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी और सतत विकास जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा की थी। अब, टेलीफोन वार्ता में इन सभी विषयों को और ठोस रूप देने पर विचार किया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि उन्होंने एलन मस्क से तकनीक और नवाचार में सहयोग की अपार संभावनाओं पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने भारत की ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ की नीति पर भी प्रकाश डाला। मस्क की भारत यात्रा से यह उम्मीद की जा रही है कि वे भारत में निवेश के नए आयाम खोलेंगे, खासकर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, सोलर एनर्जी, और स्पेस रिसर्च जैसे क्षेत्रों में।

भारत की विशाल उपभोक्ता बाजार, तकनीकी प्रतिभा और नवाचार को अपनाने की तीव्र गति मस्क के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकती है। पहले भी मस्क ने भारत में टेस्ला की एंट्री को लेकर उत्सुकता दिखाई थी, हालांकि कुछ नीतिगत अड़चनों के कारण यह प्रक्रिया लंबी खिंच गई। अब लगता है कि दोनों पक्ष उन बाधाओं को दूर कर, एक नए युग की शुरुआत करना चाहते हैं।

मस्क की यह यात्रा भारत को वैश्विक तकनीकी मानचित्र पर और मजबूत स्थिति में ला सकती है। इससे न केवल निवेश के द्वार खुलेंगे, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार और नवाचार के नए अवसर भी पैदा होंगे। अब सबकी निगाहें इस ऐतिहासिक यात्रा पर टिकी हैं, जो भारत-अमेरिका तकनीकी संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ सकती है।