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बांग्लादेश संकट में वाकर-उज-जमान ने भारत को दिया भरोसा, यूनुस को भी मिला अल्टीमेटम

बांग्लादेश में राजनीतिक संकट के बीच सेना प्रमुख वाकर-उज-जमान ने भारत को सुरक्षा का भरोसा दिया और यूनुस को दिसंबर 2025 तक चुनाव कराने का अल्टीमेटम दिया.

👤 Samachaar Desk 20 Dec 2025 09:08 PM

बांग्लादेश में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच देश के शक्तिशाली नेताओं की भूमिका चर्चा में है. मोहम्मद यूनुस की कोशिशें हालात संभालने में असफल रही हैं, जबकि कट्टरपंथियों का दबाव बढ़ता जा रहा है. ऐसे समय में प्रधानमंत्री शेख हसीना के जीजा और बांग्लादेश के सेना प्रमुख वाकर-उज-जमान ने सक्रिय भूमिका निभाई है.

सेना प्रमुख वाकर-उज-जमान ने भारत को स्पष्ट भरोसा दिया है कि बांग्लादेश में भारत की संपत्तियां और हित सुरक्षित रहेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि मुश्किल हालात में भी बांग्लादेश भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखेगा. उनका ये कदम दोनों देशों के बीच विश्वास कायम रखने और द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

शेख हसीना से संबंध

वाकर-उज-जमान का शेख हसीना के परिवार से नजदीकी संबंध है. उन्होंने 5 अगस्त के घटनाक्रम के दौरान शेख हसीना की जान बचाई थी, जब प्रदर्शनकारियों ने उन पर हमला करने की कोशिश की. वाकर-उज-जमान की शादी बेगम साराहनाज कमालिका रहमान से हुई है, जो शेख हसीना की चचेरी बहन हैं. साराहनाज के पिता, जनरल मुस्तफिजुर रहमान, 1997-2000 तक बांग्लादेश के सेना प्रमुख रहे. शेख हसीना और उनके चाचा के करीबी संबंधों की वजह से वाकर-उज-जमान और शेख हसीना भी पारिवारिक और राजनीतिक रूप से नजदीकी हैं.

अवामी लीग में शक और आरोप

हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वाकर-उज-जमान ने किसी मजबूरी या रणनीतिक कारण से शेख हसीना को देश छोड़ने के लिए कहा. अवामी लीग के नेताओं का दावा है कि वाकर ने विदेशी एजेंसियों के साथ मिलकर हसीना के खिलाफ कदम उठाया.

यूनुस को अल्टीमेटम

पूर्व में मोहम्मद यूनुस के सबसे बड़े रक्षक माने जाने वाले सेना प्रमुख वाकर-उज-जमान अब उनके खिलाफ खड़े हो गए हैं. सूत्रों के अनुसार, उन्होंने यूनुस को साफ चेतावनी दी है कि दिसंबर 2025 तक चुनाव कराए जाएं और 2026 की शुरुआत तक निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंप दी जाए. इस अल्टीमेटम से बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति और जटिल हो गई है.

संकट के बीच भारत को भरोसा

हालात चाहे जैसे भी हों, वाकर-उज-जमान ने भारत को आश्वासन दिया है कि भारतीय संपत्तियां सुरक्षित रहेंगी. यह कदम दोनों देशों के बीच सुरक्षा और विश्वास बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. राजनीतिक उथल-पुथल के बीच यह भरोसा भारत-बांग्लादेश संबंधों को स्थिर रखने में मदद करेगा.

बांग्लादेश के अंदरूनी राजनीतिक संकट और यूनुस, वाकर-उज-जमान, शेख हसीना की भूमिका आने वाले महीनों में देश और क्षेत्रीय राजनीति में बड़ा असर डाल सकती है.