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Railway Fare Hike: रेलवे का किराया बढ़ते ही भड़क गए विपक्ष दल, उठा दिए सवाल..!

Railway Fare Hike: रेल किराया बढ़ाने के फैसले पर राजनीति तेज है. विपक्ष इसे महंगाई बढ़ाने वाला बताकर आम आदमी पर बोझ कह रहा है, जबकि सरकार का कहना है कि बढ़ोतरी मामूली और बढ़ती लागत के कारण जरूरी है.

👤 Samachaar Desk 21 Dec 2025 08:23 PM

Railway Fare Hike: रेलवे द्वारा यात्री किराया बढ़ाने के फैसले के बाद देश की राजनीति में हलचल मच गई है. विपक्षी दलों ने इस फैसले को आम लोगों के लिए परेशानी बढ़ाने वाला बताया है. उनका कहना है कि इससे पहले ही महंगाई से जूझ रहे गरीब और मध्यम वर्ग पर और बोझ पड़ेगा. वहीं सत्ताधारी पार्टी बीजेपी का कहना है कि यह बढ़ोतरी बहुत कम है और जरूरी भी थी.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने रेलवे के फैसले पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि सरकार के कार्यकाल में रोजमर्रा की चीजों और जरूरी सेवाओं के दाम लगातार बढ़े हैं. उनके अनुसार सरकार ने “अच्छे दिन” का जो वादा किया था, उसका फायदा आम लोगों को नहीं मिला. आज गरीब आदमी परेशान है और ऐसे फैसले उसकी मुश्किलें और बढ़ा रहे हैं.

ट्रेन का सफर भी होता जा रहा महंगा

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि सरकार ने पहले यह वादा किया था कि आम आदमी हवाई जहाज से भी सफर कर सकेगा. लेकिन हकीकत यह है कि अब हवाई यात्रा तो दूर, ट्रेन का सफर भी महंगा होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि ट्रेन से यात्रा करने वाला व्यक्ति आम नागरिक होता है और उसी पर बार-बार किराया बढ़ाकर बोझ डाला जा रहा है.

बीजेपी ने बताया जरूरी फैसला

बीजेपी के प्रवक्ता राकेश कुमार त्रिपाठी ने विपक्ष के आरोपों को गलत बताया. उन्होंने कहा कि रेलवे का किराया काफी समय से नहीं बढ़ाया गया था, जबकि यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं बेहतर हुई हैं. उनके अनुसार किराए में की गई बढ़ोतरी बहुत कम है और सरकार ने इस बात का ध्यान रखा है कि गरीब और मध्यम वर्ग पर इसका ज्यादा असर न पड़े.

कितना बढ़ा है रेल किराया

रेलवे की जानकारी के मुताबिक, 215 किलोमीटर से ज्यादा दूरी की साधारण श्रेणी में अब प्रति किलोमीटर 1 पैसा ज्यादा देना होगा. मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की नॉन-एसी श्रेणी में प्रति किलोमीटर 2 पैसे की बढ़ोतरी की गई है. एसी श्रेणी में भी किराया 2 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ा है. हालांकि 215 किलोमीटर तक की साधारण यात्रा पर कोई बदलाव नहीं किया गया है. उदाहरण के तौर पर 500 किलोमीटर की नॉन-एसी यात्रा पर करीब 10 रुपये ज्यादा देने होंगे.

बढ़ती लागत बनी वजह

रेलवे का कहना है कि किराया बढ़ाने का फैसला बढ़ती लागत को देखते हुए लिया गया है. विभाग के अनुसार कर्मचारियों पर होने वाला खर्च बढ़कर 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये हो गया है. इसके अलावा पेंशन पर करीब 60 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. साल 2024-25 में रेलवे की कुल संचालन लागत लगभग 2 लाख 63 हजार करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. रेलवे को उम्मीद है कि नए किराया ढांचे से इस साल करीब 600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होगी.