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मुंबई कोर्ट ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को कॉपीराइट उल्लंघन मामले में नोटिस जारी किया, यूट्यूब पर फिल्म बिना अनुमति अपलोड होने पर कार्रवाई शुरू।

मुंबई कोर्ट ने गूगल सीईओ सुंदर पिचाई को ध्यान फाउंडेशन की अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया, वीडियो न हटाने पर मानहानि कार्रवाई की मांग।

👤 Samachaar Desk 02 Dec 2024 01:34 PM

मामले की पृष्ठभूमि

मुंबई की अदालत ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को ध्यान फाउंडेशन और उसके संस्थापक योगी अश्विनी द्वारा दायर अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया है।

कोर्ट का निर्देश

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 21 नवंबर को पिचाई से जवाब मांगा कि मार्च 2022 के आदेश के बावजूद वीडियो को प्लेटफॉर्म से क्यों नहीं हटाया गया। कोर्ट ने YouTube के खिलाफ मानहानि की कार्रवाई का आधार स्पष्ट करने को कहा।

एनजीओ का पक्ष

ध्यान फाउंडेशन का कहना है कि अदालत ने 31 मार्च 2022 को वीडियो हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन यह अभी भी भारत के बाहर YouTube पर उपलब्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह जानबूझकर उनकी छवि खराब करने के लिए किया गया है। एनजीओ ने Google के इस कदम को  जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण बताया।

YouTube का बचाव

YouTube ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) के तहत मध्यस्थ प्रतिरक्षा का हवाला दिया। उनका कहना है कि मानहानि की शिकायतें आईटी अधिनियम की धारा 69-ए के तहत नहीं आती हैं और ऐसे मामलों का निपटारा सिविल अदालतों में होना चाहिए।

कोर्ट का फैसला

अदालत ने YouTube के तकनीकी तर्क को खारिज कर दिया और कहा कि आईटी अधिनियम आपराधिक न्यायालयों को ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करने से नहीं रोकता। कोर्ट ने माना कि वीडियो की प्रकृति मानहानिकारक है और इसका प्रसार सार्वजनिक शांति को नुकसान पहुंचा सकता है।

सार्वजनिक शांति और सुरक्षा पर प्रभाव

मजिस्ट्रेट ने कहा कि आस्था से जुड़े विषय भारत में बेहद संवेदनशील होते हैं। ऐसे वीडियो पर प्रतिबंध न लगने से सार्वजनिक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा पर खतरा मंडरा सकता है।

आगे की सुनवाई

अवमानना मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी 2024 को निर्धारित है। यह कदम इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर सामग्री नियंत्रण और सार्वजनिक शांति बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।