30 सेकंड में तबाही, लाशों के ढेर से निकला मैं, विश्वास ने क्या बताया?
30 सेकंड में तबाही, लाशों के ढेर से निकला मैं, विश्वास ने क्या बताया?
265 लोगों की दर्दनाक मौत
इस भीषण हादसे में 265 यात्रियों की जान चली गई, जिनमें बच्चे, महिलाएं, चालक दल और बुजुर्ग भी शामिल थे।
विश्वास कुमार रमेश अकेले बचे
इस हादसे में चमत्कारी रूप से सिर्फ एक यात्री बचा- विश्वास कुमार रमेश. वो इस मंजर के इकलौते गवाह हैं।
आंख खुली तो लाशें ही लाशें थीं
रमेश बताते हैं कि जब उनकी आंख खुली, तो चारों ओर सिर्फ जलते हुए शव, मलबा और चीखें थीं। वह खुद को खून और धुएं के बीच पड़ा पाए।
जलते प्लेन से बाहर भागने की जद्दोजहद
रमेश की सीट शायद विमान के निचले हिस्से में थी, जो सीधे इमारत से टकराया। दरवाजा टूट चुका था, और उन्होंने वहीं से बाहर निकलने की कोशिश की।
आग में फंसे लोग, बाहर निकलने का रास्ता नहीं
वह बताते हैं कि विमान का ऊपरी हिस्सा आग की लपटों में था। वहां बैठे अधिकतर लोग बाहर नहीं निकल पाए और वहीं जलकर मर गए।
बायां हाथ बुरी तरह झुलसा
रमेश जब आग की लपटों के बीच से निकले, तो उनका बायां हाथ बुरी तरह झुलस गया। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।
एयर होस्टेस और साथ के यात्री जलते देखे
रमेश के अनुसार, उन्होंने अपनी आंखों के सामने दो एयर होस्टेस और एक अंकल-आंटी को जलते हुए देखा, जो दिल दहला देने वाला दृश्य था।