क्या है संकष्टी चतुर्थी?

संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक खास व्रत है, जो हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. इसे संकटों को हरने वाली चतुर्थी भी कहा जाता है.

कब है संकष्टी चतुर्थी 2025?

14 जून को आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी है, जिसे कृष्णपिङ्गल संकष्टी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.

क्या करें?

सुबह स्नान कर बप्पा का ध्यान करें, घी का दीप जलाएं, मोदक व लाल फूल अर्पित करें और वैदिक मंत्रों से पूजन करें- इससे बप्पा की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

चंद्रोदय का विशेष महत्व

संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय के बाद ही व्रत खोला जाता है. इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने से पुण्य मिलता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

व्रत करने की विधि

व्रती पूरे दिन निराहार रहते हैं और शाम को गणपति पूजन करते हैं. खासतौर पर दूर्वा, लड्डू और मोदक चढ़ाए जाते हैं. फिर चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है.