नवरात्रि की शुभ शुरुआत:
इस बार शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू हो रहे हैं, जो 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए बेहद खास माने जाते हैं.
सही तिथि का महत्व:
हर साल यह पर्व आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक चलता है और शुभ फल प्राप्ति के लिए खास विधि-विधान जरूरी हैं.
पूजा की विधि-विधान:
मान्यता है कि व्रत रखकर और पूरे नियमों के साथ पूजा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं.
बंद घड़ी:
घर में पड़ी बंद या खराब घड़ी अशुभ मानी जाती है. मान्यता है कि इससे घर की तरक्की रुक जाती है और सकारात्मक ऊर्जा कम होती है.
टूटी झाड़ू:
घर में टूटी हुई झाड़ू रखने से नकारात्मकता बढ़ती है और जीवन में आर्थिक संकट आने लगते हैं. इसे तुरंत घर से बाहर कर देना चाहिए.
खंडित मूर्तियां:
देवी-देवताओं की टूटी या खंडित मूर्तियां घर में रखने से मां दुर्गा नाराज हो जाती हैं. नवरात्रि से पहले इन्हें निकालना शुभ माना गया है.
टूटी चप्पलें:
नवरात्रि से पहले टूटी-फूटी चप्पलें घर में रखना दरिद्रता का कारण माना जाता है. इससे लक्ष्मीजी का वास भी घर से चला जाता है.
घर की स्वच्छता:
नवरात्रि में मां का स्वागत करने के लिए घर का साफ-सुथरा होना बहुत जरूरी है. स्वच्छ घर में ही मां दुर्गा का वास होता है.