सावन में तुलसी तोड़ना अशुभ

हिंदू शास्त्रों के अनुसार सावन में भगवान शिव की पूजा होती है और शिव पूजा में तुलसी का उपयोग वर्जित माना गया है.

लक्ष्मी माता का स्वरूप

तुलसी को देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की प्रिय बताया गया है. लेकिन सावन में इसकी पत्तियां तोड़ना निषेध है.

शिव पूजा में तुलसी वर्जित

मान्यता है कि भोलेनाथ ने जलंधर का वध किया, जिसका पतिव्रत वृंदा (तुलसी) ने निभाया था. इसलिए तुलसी का शिव पूजा में प्रयोग वर्जित हो गया.

तुलसी उत्पत्ति

भगवान विष्णु की चाल से वृंदा का पतिव्रत भंग हुआ. क्रोधित वृंदा ने विष्णु को शाप देकर आत्मदाह किया. उन्हीं की राख से तुलसी का जन्म हुआ.

तुलसी का पतिव्रत

चूंकि भगवान शिव ने जलंधर का वध किया, तुलसी (वृंदा) का पतिव्रत टूटा. इसलिए शिव पूजा में तुलसी को अर्पित करना शुभ नहीं होता.

तुलसी की सेवा

सावन में तुलसी तोड़ने की बजाय उसे जल चढ़ाएं, दीपक लगाएं और स्वच्छता का ध्यान रखें. इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.

विष्णु भक्त

अगर आप भगवान विष्णु की पूजा कर रहे हैं तो सावन में भी तुलसी का प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन शिव पूजा में इससे परहेज करें.

Disclaimer:

यह जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.