राखी
हर धागे में बहन अपने भाई के लिए सुरक्षा, सुख और समृद्धि की कामना बांधती है. ये सिर्फ रस्म नहीं, एक मूक आशीर्वाद है.
रक्षाबंधन का पुण्य
इस बार रक्षाबंधन 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा पर पड़ रहा है, जो इसे अत्यंत आध्यात्मिक और शुभ बनाता है.
शुभ समय
9 अगस्त को सुबह 05:47 से दोपहर 01:24 बजे तक राखी बांधना अत्यंत शुभ रहेगा. पूरे 7 घंटे 37 मिनट तक पुण्य काल रहेगा.
तिलक
भाई के माथे पर लगाया गया लाल तिलक सिर्फ श्रृंगार नहीं, सम्मान, शक्ति और दिव्यता का प्रतीक होता है.
भाई का वचन
राखी के बदले भाई सिर्फ रक्षा का वादा नहीं करता, बल्कि हर कठिन समय में बहन के साथ खड़ा रहने की शपथ लेता है.
आध्यात्मिक ऊर्जा
ऐसा माना जाता है कि श्रावण पूर्णिमा पर की गई प्रार्थनाएं सीधी ईश्वर तक पहुंचती हैं और उनका फल कई गुना बढ़ जाता है.
राखी का धागा
जब राखी श्रावण पूर्णिमा पर बांधी जाती है, तो वह सिर्फ पारिवारिक रस्म नहीं रहती, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुबंध बन जाती है.
आत्मिक जुड़ाव
यह दिन सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते की खुशी नहीं मनाता, बल्कि उस आत्मिक संबंध को भी उजागर करता है जो जीवनभर बना रहता है.