पितृपक्ष में भोग क्यों लगाते हैं?
पितृपक्ष के दिनों में पितरों को भोग लगाने की विशेष परंपरा है. माना जाता है कि इस काल में श्रद्धा से किया गया अर्पण पितरों तक अवश्य पहुंचता है.
तुलसी का धार्मिक महत्व
तुलसी को अत्यंत पवित्र माना गया है. यह न केवल देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का प्रतीक है बल्कि घर-परिवार में शांति और समृद्धि का भी स्रोत मानी जाती है.
भोग में तुलसी दल का प्रयोग
जब पितरों के लिए भोग तैयार किया जाता है, तो उसमें तुलसी दल रखना आवश्यक माना गया है. इससे भोग और भी दिव्य और शुद्ध हो जाता है.
गरुड़ पुराण का उल्लेख
गरुड़ पुराण के अनुसार, यदि श्राद्ध भोज या पिंडदान में तुलसी दल का प्रयोग किया जाए तो पितरों को अक्षय तृप्ति प्राप्त होती है.
अक्षय तृप्ति का अर्थ
अक्षय तृप्ति का मतलब है पितरों को स्थायी शांति और संतोष की प्राप्ति होना. इससे उनके मोक्ष मार्ग को सरलता मिलती है.
तुलसी
तुलसी को केवल एक पौधा नहीं बल्कि देवी का रूप माना जाता है. इसलिए इसका धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है.
Disclaimer:
इस खबर में दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है.