पंजाब के गुरदासपुर ज़िले में बाढ़ का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। ज़िले से करीब 12 किलोमीटर दूर दबुरी गांव में स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में बाढ़ का पानी घुसने से 400 से ज्यादा छात्र और लगभग 40 कर्मचारी फंस गए हैं। यह विद्यालय पूरी तरह से आवासीय है, इसलिए छात्र और कर्मचारी वहीं रह रहे थे।
सबसे बड़ी समस्या यह है कि विद्यालय तक पहुंचने वाली सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिसके कारण राहत और बचाव कार्य में बड़ी बाधा आ रही है। प्रशासन की टीमें स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं, लेकिन राहत पहुंचाना आसान नहीं हो रहा।
इस बीच, मुख्यमंत्री भगवंत मान दीनानगर उप-मंडल के बेहरामपुर का दौरा करने वाले हैं। अधिकारियों का ध्यान फिलहाल उनके दौरे की तैयारियों में लगा हुआ है, जिससे स्थानीय लोग प्रशासन की उदासीनता पर सवाल उठा रहे हैं। दबुरी गाँव, जहाँ यह विद्यालय स्थित है, दीनानगर उप-मंडल के अंतर्गत आता है।
अभिभावकों ने गुस्सा जताया है कि जब जिले में बाढ़ की चेतावनी तीन दिन पहले ही मिल गई थी और सभी स्कूलों में छुट्टियाँ भी घोषित कर दी गई थीं, तो फिर नवोदय विद्यालय के बच्चों को समय रहते घर क्यों नहीं भेजा गया।
सूत्रों के मुताबिक, विद्यालय के पास बहने वाले किरण नाले की कई वर्षों से सफाई नहीं की गई है। खराब रखरखाव के कारण नाले का पानी विद्यालय परिसर में घुस गया और आसपास जलभराव हो गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बार का जलस्तर 1988 की विनाशकारी बाढ़ से भी ऊपर जा चुका है।
गौरतलब है कि यह विद्यालय एक बाढ़-प्रवण क्षेत्र में बनाया गया है, जहाँ लगभग हर साल जलभराव की समस्या होती है। इसकी जमीन डाबुरी ग्राम पंचायत ने निःशुल्क उपलब्ध कराई थी।
Copyright © 2025 The Samachaar
