मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार पूरी तरह से जनकल्याण को समर्पित है और आने वाले दिनों में प्रदेशवासियों के हित में कई बड़े फैसले लिए जाएंगे. उन्होंने यह बात मलेरकोटला जिले के अहमदगढ़ और अमरगढ़ उपमंडलों में नवनिर्मित तहसील परिसरों के लोकार्पण के अवसर पर कही.
सीएम मान ने बताया कि ये भवन न केवल करदाताओं के पैसे का उचित उपयोग हैं, बल्कि भविष्य की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं. उन्होंने दो टूक कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार सेवा आधारित प्रशासन देने के लिए राजस्व सुधारों में क्रांतिकारी कदम उठा रही है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि अमरगढ़ में बना नया तहसील कॉम्प्लेक्स 27,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला है, जिसमें एसडीएम कार्यालय, अदालत कक्ष, एक बड़ा सभागार और 26 केबिन शामिल हैं। इस पर ₹6.36 करोड़ की लागत आई है.
वहीं अहमदगढ़ का नया तीन मंजिला तहसील भवन 2.39 एकड़ जमीन पर तैयार किया गया है. यहां एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, स्टाफ रूम, पंजीकरण काउंटर और अन्य विभागों के दफ्तरों की व्यवस्था की गई है. इस पर ₹6.86 करोड़ खर्च किए गए हैं.
‘ईज़ी रजिस्ट्री’ और ‘ईज़ी जमाबंदी’ से राजस्व सेवाओं में क्रांति सीएम मान ने कहा, 'राज्य सरकार ने राजस्व सुधारों के रूप में 'ईज़ी रजिस्ट्री' और 'ईज़ी जमाबंदी' जैसे पहल की शुरुआत की है, जिससे लोगों को घर बैठे सेवाएं मिल सकें। ये कदम प्रशासन को जनता की सेवा में और बेहतर बनाएंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का फोकस युवाओं को नौकरी खोजने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनाने पर है. एक प्रगतिशील और समृद्ध पंजाब के निर्माण के लिए युवाओं की सक्रिय भागीदारी ज़रूरी है. हमारी सरकार ने पिछले 36 महीनों में 55,000 से अधिक नौकरियां दी हैं.'
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि नशा कारोबार में शामिल लोगों के लिए सरकार सख्त रुख अपनाए हुए है. उन्होंने कहा, 'जो लोग जनता की सेवा के नाम पर चुने गए थे, वही नशा व्यापार को संरक्षण दे रहे थे. AAP सरकार ने ऐसे नेताओं को सलाखों के पीछे पहुंचाया है. मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि सोमवार को विधानसभा में ‘पंजाब धार्मिक ग्रंथों के विरुद्ध अपराध निवारण विधेयक 2025’ पेश किया गया है. इस कानून का उद्देश्य धार्मिक ग्रंथों के अपमान जैसे घिनौने अपराधों के लिए सख्त सजा सुनिश्चित करना है.
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