India Squad for ICC T20 World Cup 2026: आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए भारतीय टीम की घोषणा हो चुकी है. इस टीम में सबसे ज्यादा चर्चा ईशान किशन के चयन को लेकर हो रही है. घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बाद ईशान की वापसी को मेहनत का फल माना जा रहा है. सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी 2025 में उनके खेल ने चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा और आखिरकार उन्हें टीम इंडिया में जगह मिल गई.
ईशान किशन ने सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी 2025 में झारखंड की कप्तानी करते हुए टीम को पहली बार खिताब दिलाया. फाइनल मुकाबले में उन्होंने दबाव के बीच शानदार शतक जड़ा और 101 रनों की तेज पारी खेली. ये पारी न सिर्फ टीम की जीत की वजह बनी, बल्कि ईशान के करियर के लिए भी अहम मोड़ साबित हुई.
पूरे टूर्नामेंट में ईशान का प्रदर्शन लगातार बेहतर रहा. उन्होंने 10 मैचों की 10 पारियों में 517 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 2 शतक और 2 अर्धशतक निकले. उनके नाम सबसे ज्यादा रन, सबसे ज्यादा छक्के और सबसे ज्यादा शतक लगाने का रिकॉर्ड भी रहा. उनका स्ट्राइक रेट करीब 197 और औसत 57 से ज्यादा रहा, जो टी20 क्रिकेट में उनकी आक्रामक सोच को दिखाता है.
मैदान के बाहर ईशान किशन का सफर आसान नहीं रहा. पिछले साल दिसंबर में वो निजी और पेशेवर जीवन में कई सवालों से जूझ रहे थे. इसी दौरान उन्होंने भगवद गीता पढ़ना शुरू किया. ईशान के पिता के अनुसार, उन्होंने बेटे को सलाह दी थी कि जब मन में उलझन हो, तो गीता पढ़ें और जवाब खुद मिल जाएगा.
बताया जाता है कि ईशान अब हमेशा अपने साथ गीता का पॉकेट संस्करण रखते हैं. वो इसे अपने किट बैग में रखते हैं और जब भी उन्हें मानसिक शांति या स्पष्टता की जरूरत महसूस होती है, तो इसके पन्ने खोलते हैं. यह आदत उनके लिए आत्मविश्वास और संतुलन का जरिया बनी.
ईशान की स्थिति उस अर्जुन जैसी थी, जो दो मोर्चों पर संघर्ष कर रहा हो. एक तरफ उनका करियर, जिसमें उन्हें लगातार मौके नहीं मिल पा रहे थे और दूसरी तरफ भविष्य को लेकर अनिश्चितता. ऐसे समय में घरेलू क्रिकेट ने उन्हें खुद को साबित करने का मंच दिया. उन्होंने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और अपने प्रदर्शन से जवाब दिया.
टी20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए टीम इंडिया में ईशान किशन की वापसी सिर्फ एक चयन नहीं है, बल्कि यह उनकी मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास की कहानी है. अब सभी की नजरें इस पर होंगी कि वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने घरेलू प्रदर्शन को कैसे दोहराते हैं. उनके चयन से युवा खिलाड़ियों को यह संदेश भी मिलता है कि लगातार मेहनत और भरोसा कभी बेकार नहीं जाता.