आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बढ़ता वजन, पेट की चर्बी और अनहेल्दी लाइफस्टाइल आम समस्याएं बन चुकी हैं. लोग जिम, डाइट प्लान और सप्लीमेंट्स तो अपनाते हैं, लेकिन रोज खाई जाने वाली रोटी के असर को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं. पोषण विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर रोटी सही अनाज की हो तो वजन कंट्रोल करना काफी आसान हो सकता है.
ऐसा ही एक अनाज है मक्का, जिसकी रोटी न सिर्फ स्वादिष्ट होती है बल्कि सेहत के कई फायदे भी देती है. आइए जानें कि मक्के की रोटी वजन कम करने में कैसे मदद करती है और इसके और क्या लाभ हैं.
मक्के की रोटी फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन बी का अच्छा स्रोत है.
इसका फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा रखता है, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती और ओवरईटिंग से बचाव होता है. इसमें मौजूद कॉम्प्लेक्स कार्ब्स धीरे-धीरे ऊर्जा देते हैं, जिससे शरीर थका हुआ महसूस नहीं करता. सर्दियों में यह रोटी पाचन को बेहतर बनाती है और एनीमिया से परेशान लोगों को भी फायदा पहुंचाती है.
हालांकि जिन लोगों को अल्सर, कोलाइटिस या बहुत ज्यादा गैस की समस्या होती है, उन्हें इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि इसकी तासीर गर्म मानी जाती है.
मक्के की रोटी में मौजूद डाइटरी फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है.
कब्ज, गैस या अपच से परेशान लोगों के लिए यह काफी फायदेमंद है. यह पेट में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ाता है जिससे डाइजेशन मजबूत होता है और पेट हल्का महसूस होता है.
नियमित रूप से इसे खाने से पाचन संबंधी कई समस्याएं कम हो सकती हैं.
अक्सर लोग सोचते हैं कि मक्का शुगर बढ़ाता है, लेकिन ऐसा नहीं है.
मक्का धीरे-धीरे पचता है, इसलिए ब्लड शुगर अचानक नहीं बढ़ता. इसी वजह से डायबिटीज के मरीज डॉक्टर की सलाह के बाद इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
मक्का एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन से भरपूर होता है, जो दिल को हेल्दी रखने में मदद करता है.
यह खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है. ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है और हार्ट डिजीज का खतरा कम होता है.
मक्के की रोटी में मौजूद विटामिन A, B-कॉम्प्लेक्स और कई मिनरल्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं.
इससे त्वचा में ग्लो आता है और मौसम बदलने पर बार-बार बीमार पड़ने की समस्या कम होती है. खासकर सर्दियों में इसके फायदे और बढ़ जाते हैं क्योंकि यह शरीर को गर्माहट भी देती है.