देश में आज उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले मतदान किया और शाम 5 बजे तक वोटिंग का सिलसिला जारी रहेगा. खास बात यह है कि आज ही मतगणना होगी और देश को नया उपराष्ट्रपति मिल जाएगा. यह पद पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे से खाली हुआ था.
इस चुनाव में एनडीए की ओर से सीपी राधाकृष्णन मैदान में हैं और उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है. एनडीए के पास दोनों सदनों को मिलाकर कुल 427 सांसद हैं, जिन्हें वाईएसआर कांग्रेस का समर्थन भी प्राप्त है. वहीं, बीआरएस और बीजेडी ने वोटिंग से दूरी बनाने का ऐलान किया है. ऐसे में समीकरण साफ तौर पर एनडीए के पक्ष में झुकते नजर आ रहे हैं.
भाजपा भले ही मजबूत स्थिति में हो, लेकिन किसी तरह की ढिलाई नहीं बरत रही है. पार्टी का पूरा जोर यह सुनिश्चित करने पर है कि उसके सभी सांसद केवल अपने उम्मीदवार को ही वोट दें. क्रॉस वोटिंग से नतीजों पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन नैरेटिव प्रभावित हो सकता है. इसी वजह से भाजपा ने अपने सांसदों को जोनवाइज 10 ब्लॉक में बांट दिया है और हर ब्लॉक की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई है.
मसलन, दक्षिण भारत से आने वाले सांसदों की देखरेख केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी करेंगे, जबकि उत्तर प्रदेश के सांसदों को पीयूष गोयल मैनेज करेंगे. इसके अलावा शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर और अर्जुन मेघवाल जैसे बड़े नेताओं को भी यह जिम्मेदारी दी गई है. इन नेताओं का काम है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के सांसदों के साथ पूरे दिन बने रहें और सुनिश्चित करें कि उनका वोट सही उम्मीदवार को ही मिले.
दूसरी ओर, INDIA गठबंधन के पास इस समय करीब 315 वोट हैं. आम आदमी पार्टी के 12 सांसदों में से कम से कम 11 का समर्थन विपक्षी खेमे को मिल सकता है, हालांकि स्वाति मालीवाल की स्थिति अभी अलग है. इस लिहाज से विपक्षी उम्मीदवार के जीतने की संभावना बेहद कम मानी जा रही है.
2022 में जगदीप धनखड़ को 346 वोट मिले थे. इस बार माना जा रहा है कि सीपी राधाकृष्णन इससे अधिक मत हासिल करेंगे और रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज करेंगे. भाजपा इस चुनाव को न केवल जीतना चाहती है, बल्कि इसे अपनी ताकत का प्रदर्शन भी बनाना चाहती है. यही वजह है कि पार्टी ने "एक भी वोट न बर्बाद हो" की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है.
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