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SCO समिट में मोदी का गरजता भाषण! CPEC पर चीन-पाक को दिया सबसे कड़ा संदेश, गूंज उठा पूरा मंच

PM मोदी ने SCO समिट में CPEC पर कड़ा संदेश दिया. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से गुजरने वाले कॉरिडोर को भारत ने संप्रभुता का उल्लंघन बताया और आतंकवाद पर डबल स्टैंडर्ड को चुनौती दी.

👤 Samachaar Desk 01 Sep 2025 12:07 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में अपनी स्पीच के जरिए चीन और पाकिस्तान दोनों को कड़ा संदेश दिया है. पीएम मोदी ने बिना नाम लिए चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) पर सवाल उठाते हुए साफ कहा कि कोई भी कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट तभी सार्थक है जब वह किसी देश की संप्रभुता और एकात्मता का सम्मान करे. उनका यह बयान सीधे-सीधे CPEC से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि यह कॉरिडोर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से होकर गुजरता है, जिसे भारत अपना अभिन्न हिस्सा मानता है.

क्यों विवादों में CPEC?

CPEC चीन के शिनजियांग प्रांत से पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट तक बनाया जा रहा है. यह प्रोजेक्ट पाकिस्तान के लिए तो रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से बेहद अहम है, लेकिन भारत इसके खिलाफ है. वजह यह है कि यह कॉरिडोर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के हिस्से से होकर गुजरता है. 1947-48 में कबायली हमले के दौरान पाकिस्तान ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था, लेकिन भारत हमेशा से इसे अपना हिस्सा मानता है. ऐसे में भारत इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानते हुए इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने से इनकार कर चुका है.

SCO समिट में आतंकवाद पर सख्त रुख

CPEC के मुद्दे के साथ-साथ पीएम मोदी ने SCO समिट में आतंकवाद पर भी कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की ढिलाई स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ देश खुलेआम आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं, और अब यह तय करने का समय है कि क्या दुनिया इसे बर्दाश्त करेगी.

साथ ही उन्होंने SCO देशों को धन्यवाद दिया जिन्होंने पहलगाम हमले की निंदा की और भारत के साथ खड़े रहे. समिट के घोषणा पत्र में भी आतंकवाद की आलोचना शामिल की गई, जिसे भारत की कूटनीतिक जीत माना जा रहा है.

चीन को सीधा संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में चीन पर भी परोक्ष रूप से निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा हैं और इस पर किसी तरह का डबल स्टैंडर्ड नहीं होना चाहिए. दरअसल, कई मौकों पर चीन ने आतंकवाद को लेकर भारत के रुख का समर्थन करने के बजाय पाकिस्तान का पक्ष लिया है. ऐसे में पीएम मोदी की यह टिप्पणी चीन के लिए सीधा संदेश मानी जा रही है कि भारत आतंकवाद पर किसी तरह का दोहरा रवैया स्वीकार नहीं करेगा.

PM मोदी की यह स्पीच भारत के रणनीतिक हितों और कूटनीतिक प्राथमिकताओं को दर्शाती है. CPEC के जरिए संप्रभुता का मुद्दा उठाकर उन्होंने पाकिस्तान और चीन दोनों को चेतावनी दी, वहीं आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाकर SCO देशों से एकजुटता की अपील की.