बॉलीवुड के महान अभिनेता धर्मेंद्र देओल ने 89 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली और इसी के साथ भारतीय सिनेमा का एक सुनहरा अध्याय हमेशा के लिए बंद हो गया. उनके निधन ने न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री, बल्कि पूरे देश को शोक में डुबो दिया है.
दिग्गज अभिनेता के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि धर्मेंद्र का जाना भारतीय सिनेमा के एक पूरे युग का अंत है. पीएम मोदी ने उन्हें एक प्रतिष्ठित कलाकार, करिश्माई व्यक्तित्व और हर भूमिका में गहराई भरने वाले महान अभिनेता के रूप में याद किया. उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र की सादगी, विनम्रता और लोगों से मिलने में दिखाई देने वाली गर्मजोशी उन्हें सबसे अलग बनाती थी. अंत में उन्होंने परिवार और प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हुए “ॐ शांति” लिखा.
बीते कई महीनों से धर्मेंद्र का स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा था. उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती थी, साथ ही उम्र से जुड़ी कई और गंभीर समस्याएँ बढ़ रही थीं. उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां नियमित जांच और उपचार चलता रहा. कुछ दिनों बाद हल्का सुधार होने पर परिवार ने उन्हें घर ले जाने का फैसला किया, ताकि वे अपने लोगों के बीच रहकर उपचार जारी रख सकें.
The passing of Dharmendra Ji marks the end of an era in Indian cinema. He was an iconic film personality, a phenomenal actor who brought charm and depth to every role he played. The manner in which he played diverse roles struck a chord with countless people. Dharmendra Ji was…
— Narendra Modi (@narendramodi) November 24, 2025
धर्मेंद्र के घर पर उनके लिए विशेष मेडिकल व्यवस्था की गई थी, डॉक्टर, नर्सें और एंबुलेंस हर समय मौजूद रहती थी. लेकिन लगातार निगरानी और दवाइयों के बावजूद उनका स्वास्थ्य कमजोर होता चला गया. उनकी देखभाल में पत्नी, बच्चे और पूरा परिवार लगातार जुटा रहा.
सलमान खान, शाहरुख खान, गोविंदा सहित कई सितारे उनकी तबीयत पूछने अस्पताल और घर पर पहुंचे थे. हर कोई उम्मीद कर रहा था कि धर्मेंद्र फिर से ठीक होकर अपने खास अंदाज़ में वापस आएंगे, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया. उनके निधन की खबर लगते ही इंडस्ट्री में गहरा सन्नाटा छा गया.
करीब छह दशक लंबे करियर में धर्मेंद्र ने वह मुकाम हासिल किया जिसे बहुत कम कलाकार छू पाते हैं. 1960 में दिल भी तेरा हम भी तेरे से शुरुआत करने वाले धर्मेंद्र ने जल्द ही अपनी अलग पहचान बना ली. 60 और 70 का दशक उनके नाम रहा—हकीकत, फूल और पत्थर, सीता और गीता, अनुपमा, प्यार ही प्यार, तुम हसीन मैं जवां, यादों की बारात और शोले जैसी फिल्मों ने उन्हें सुपरस्टार के साथ-साथ “ही-मैन” की उपाधि दिलाई.
उनकी मजबूत बॉडी, दमदार संवाद और सरल व्यक्तित्व ने करोड़ों दर्शकों के दिलों में उन्हें घर कर दिया. साल 2012 में उन्हें देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण मिला. यह सम्मान न सिर्फ उनके अभिनय के लिए, बल्कि फिल्मों और कला जगत में दिए उनके विशाल योगदान की पहचान था.
Copyright © 2025 The Samachaar
