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बिहार चुनाव से पहले नीतीश का बड़ा दांव! आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका की सैलरी में जबरदस्त बढ़ोतरी

बिहार चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं के मानदेय में बढ़ोतरी का ऐलान कियाm सेविकाओं को अब 9,000 और सहायिकाओं को 4,500 रुपये मिलेंगे. प्रदर्शन के बीच आया फैसला.

👤 Samachaar Desk 08 Sep 2025 01:46 PM

बिहार में चुनावी माहौल गरमाने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के मानदेय में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है. नीतीश कुमार ने सोमवार को खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी.

उन्होंने लिखा कि बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण और जीवन स्तर को सुधारने में आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं की भूमिका बेहद अहम है. इसी योगदान का सम्मान करते हुए उनके मानदेय को बढ़ाने का फैसला किया गया है.

कितना बढ़ा मानदेय?

सरकार के फैसले के मुताबिक –

1. आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय 7,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये कर दिया गया है.

2. आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 4,000 रुपये से बढ़ाकर 4,500 रुपये कर दिया गया है.

यानि सेविकाओं को अब 2,000 रुपये और सहायिकाओं को 1,500 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे.

आंगनबाड़ी की भूमिका पर नीतीश का जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 से उनकी सरकार लगातार गर्भवती महिलाओं और बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर काम कर रही है. इसके लिए समेकित बाल विकास परियोजना के तहत छह तरह की सेवाएं दी जा रही हैं.

इन सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने का काम आंगनबाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं करती हैं. उनके योगदान को देखते हुए ही मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. नीतीश कुमार का कहना है कि इस कदम से सेविकाओं और सहायिकाओं का मनोबल बढ़ेगा और बाल विकास सेवाओं की गुणवत्ता और बेहतर होगी.

प्रदर्शन के बीच आया ऐलान

आपको बता दें कि 8 सितंबर को पटना के गर्दनीबाग में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं ने प्रदर्शन किया था. उनका आरोप था कि सरकार उनके साथ शोषणात्मक व्यवहार कर रही है और अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि नहीं दी जा रही है.

प्रदर्शन के बीच ही नीतीश सरकार ने यह बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया, जिससे माना जा रहा है कि सरकार ने चुनाव से पहले बड़ा राजनीतिक दांव खेला है.

सरकार के इस फैसले से लाखों आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं को सीधा फायदा होगा. साथ ही, चुनावी माहौल में इसे नीतीश कुमार का एक वोट बैंक साधने वाला मास्टरस्ट्रोक भी माना जा रहा है.