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Bihar Election 2025: NDA की ऐतिहासिक जीत! PM मोदी शाम 6 बजे BJP मुख्यालय में करेंगे जश्न का आगाज

Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में एनडीए भारी बहुमत के साथ आगे चल रहा है. नीतीश कुमार और पीएम मोदी की जोड़ी ने चुनावी रुझानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पार्टी कार्यकर्ता जीत का जश्न मना रहे हैं.

👤 Samachaar Desk 14 Nov 2025 02:46 PM

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए एक बार फिर ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है. शुरुआती रुझानों में भाजपा और जद(यू) के गठबंधन की बढ़त के बाद पार्टी कार्यालयों में खुशी का माहौल छा गया है. कार्यकर्ता ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाच रहे हैं, मिठाइयां बाँट रहे हैं और पटाखे फोड़कर जीत का जश्न मना रहे हैं. एनडीए की बढ़त में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता की बड़ी भूमिका रही है.

नीतीश कुमार और पीएम मोदी की जोड़ी

नीतीश कुमार ने पिछले दो दशकों में बिहार का नेतृत्व किया है और उन्हें 'सुशासन बाबू' के नाम से जाना जाता है. इस चुनाव को उनके लिए जनता के विश्वास और राजनीतिक स्थिरता की कसौटी माना जा रहा था. पीएम मोदी और नीतीश कुमार की जोड़ी ने इस बार चुनाव में मजबूत और समन्वित गठबंधन का उदाहरण पेश किया. उनके संयुक्त प्रचार ने विकास, बुनियादी ढांचे, सामाजिक योजनाओं और प्रशासनिक स्थिरता पर जोर दिया.

एनडीए का शानदार प्रदर्शन

वर्तमान रुझानों के अनुसार, नीतीश कुमार नेतृत्व वाली एनडीए कुल 197 सीटों पर आगे चल रही है. इसमें बीजेपी 90, जेडीयू 80, एलजेपी 20, एचएएम 3 और आरएलएम 4 सीटों पर बढ़त में हैं. वहीं, विपक्षी गठबंधन में आरजेडी 28, कांग्रेस 4, CPI(ML) 4 और CPI-M 1 सीट पर लीड में हैं. बीएसपी 1 और AIMIM 5 सीटों पर बढ़त में हैं.

चुनाव में शांति और कानून-व्यवस्था का सुधार

इस चुनाव में पूरे बिहार में शांति रही और कहीं भी रिपोलिंग की जरूरत नहीं पड़ी. यह पिछले चुनावों की तुलना में बड़ा बदलाव है, जब 1985, 1990 और 1995 के चुनाव हिंसा और रिपोलिंग की घटनाओं से प्रभावित रहे थे. एनडीए ने इसे बेहतर कानून-व्यवस्था का प्रमाण बताया है.

ग्रामीण समर्थन और विकास का असर

बिहार में लगभग 89% ग्रामीण आबादी है. नीतीश कुमार की योजनाओं और प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में दोनों जगह वोटरों का भरोसा जीता.

नीतीश कुमार की राजनीतिक यात्रा

नीतीश कुमार का राजनीतिक करियर 1970 के जेपी आंदोलन से शुरू हुआ. चार दशक से अधिक समय में उन्होंने ग्रामीण बुनियादी ढांचे में सुधार किया और सीधे आर्थिक सहायता योजनाओं के जरिए जनता का भरोसा हासिल किया. उनके नेतृत्व में पिछड़े वर्गों और धर्मनिरपेक्ष राजनीति में मजबूत पहचान बनी.

इस बार के रुझान स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि एनडीए भारी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की ओर बढ़ रहा है, जबकि विपक्षी महागठबंधन को अपनी रणनीतियों की समीक्षा करनी पड़ेगी.