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Bihar Election 2025: NDA जीती तो कौन बनेगा CM? केशव प्रसाद मौर्य ने कर दिया ऐलान

बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की जीत के बाद बीजेपी ने साफ किया कि मुख्यमंत्री चेहरा केवल नीतीश कुमार होंगे. जानें मंत्री परिषद और सियासी बयानबाजी की पूरी जानकारी.

👤 Samachaar Desk 16 Oct 2025 01:02 PM

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई थी. विपक्ष का दावा था कि अगर एनडीए जीतती है तो बीजेपी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद नहीं देगी. इस दावे पर अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बड़ा ऐलान कर दिया है.

केशव प्रसाद मौर्य ने किया स्पष्ट बयान

बिहार चुनाव के लिए सह प्रभारी के रूप में काम कर रहे केशव प्रसाद मौर्य ने साफ किया कि एनडीए का मुख्यमंत्री चेहरा केवल नीतीश कुमार ही हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए कोई अन्य नाम पर विचार नहीं है और यह बीजेपी और जेडीयू के बीच पूरी तरह तय है.

विपक्ष के दावे पर आया जवाब

डिप्टी सीएम से जब सवाल पूछा गया कि लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान सीएम बनना चाहते हैं, तो क्या बीजेपी इसके लिए तैयार है? इसके जवाब में केशव प्रसाद मौर्य ने स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए केवल नीतीश कुमार ही उम्मीदवार हैं.

मंत्री परिषद के लिए अन्य नाम

केशव ने बताया कि मंत्री परिषद में शामिल होने के लिए चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और बीजेपी द्वारा सुझाए गए सदस्य ही शामिल होंगे. लेकिन मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चर्चा नहीं है और एनडीए में इसके लिए कोई जगह नहीं है.

सियासी गलियारों में हलचल

एनडीए के 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद यह सवाल और ज्यादा जोर पकड़ गया था कि मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा. विपक्ष इसे लेकर लगातार बयानबाजी करता रहा. अब केशव प्रसाद मौर्य के स्पष्ट बयान के बाद इस पर सियासी बहस को ठोस जवाब मिल गया है.

कुल मिलाकर, बिहार में अगले चुनाव में चाहे जितना सियासी शोर हो, एनडीए के मुख्यमंत्री चेहरा स्पष्ट है. नीतीश कुमार ही अगले मुख्यमंत्री होंगे और उनके नेतृत्व में सरकार गठन होगा. मंत्री परिषद में गठबंधन के अन्य दलों के नाम शामिल होंगे, लेकिन मुख्यमंत्री पद पर कोई बदलाव नहीं होगा.

यह स्पष्ट बयान बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में विपक्ष के दावों को पूरी तरह खारिज करता है और एनडीए की जीत के बाद सत्तारूढ़ दल के नेतृत्व को मजबूत करता है.